हम इंडियन जब भी कोई नया स्मार्टफोन खरीदने का प्लान बनाते हैं तो सबसे पहले बजट सेट करते हैं। उस बजट में शानदार कैमरा, पावरफुल प्रोसेसर, दमदार बैटरी और अटरेक्टिव डिजाईन जैसी चीजें देखते हैं और फिर खरीदते हैं। हां, आजकल बहुत से लोग स्मार्टफोन लेने से पहले यह भी पुख्ता कर रहे हैं कि वह फोन चाइनीज कंपनी का है या नॉन चाइनीज। लेकिन इन सबके बीच में हम एक ऐसी चीज को नजरअंदाज कर देते हैं जो हर एक व्यक्ति के लिए बेहद आवश्यक होती है। और वह चीज है फोन की SAR Value. हमारे पाठक टेक्नोलॉजी के प्रति इतने जागरूक हैं कि उन्होंने यह नाम पहले भी जरूर सुना होगा, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि मोबाइल की सार वैल्यू कितनी आवश्यक चीज होती और इसे इग्नोर करना यूजर्स को घातक हानि पहुॅंचा सकता है।

मोबाइल फोंस से निकलने वाली रेडिएशन और किरणें पक्षियों और पर्यावरण के साथ-साथ हमारी सेहत के लिए भी बेहद खतरनाक होती है। इन हानिकारक रेडिएशन्स को फोन की SAR Value के जरिये ही आंका जाता है। हर मोबाइल की सार वैल्यू अलग होती है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि जिस स्मार्टफोन पर आप अभी ये आर्टिकल पढ़ रहे हैं, वह आपको कितना नुकसान पहुॅंचा रहा है ? आगे हमनें यहीं बताया है कि किस तरीके से आप अपने फोन की SAR Value को चेक कर सकते हैं और समझ सकते हैं कि फोन की सार वैल्यू कितनी ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।

क्या है SAR Value

SAR यानि Specific Absorption Rate. सार वैल्यू वह दर होती है जो फोन से निकली वेव्स को तथा इंसान के शरीर द्वारा सोखने वाली तरंगों को मापता है। ये तरंगे शरीर में खून में मौजूद टिशू द्वारा सोखी जाती है। मोबाइल से निकलने वाली तरंगें हमेशा एक समान नहीं रहती है। जब फोन में एक साथ कई काम कर रहे होते हैं तो ये बढ़ जाती है तथा फोन के कम यूज़ के दौरान ये वेव्स कम हो जाती है। स्मार्टफोन से निकलने वाली इन वेव्स को ‘SAR Value’ के जरिये मापा जाता है। आपको बता दें कि हर स्मार्टफोन की अपनी अलग-अलग रेडिएशन व फ्रिक्वेंसी होती है।




जिसका फार्मूला निम्नलिखित है-

मोबाइल फोन एक रेडियो ट्रांसमीटर होता है जो नेटवर्क वेव्स (तरंगों) को सेंड करता है और रिसीव करता है। इन वेव्स को रेडियो फ्रिक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फिल्ड कहा जाता है। ये वेव्स मोबाइल एंटिना के जरिये ट्रांसफर होती है जो फोन से मोबाइल टॉवर तक जाती है और मोबाइल टॉवर से फोन तक आती है। जब भी ये वेव्स ट्रांसफर होती हैं तो उनका कुछ प्रतिशत हिस्सा रास्ते में ही अपनी राह से खो जाता है तथा किसी डिवाईस से कनेक्ट न होकर वातावरण में ही घूमता रहता है। और यही वो हिस्सा होता है जो आपके, हमारे और पर्यावरण के लिए खतरा बनता है।


इंडिया में निर्धारित SAR Value

हर स्मार्टफोन की अलग-अलग सार वैल्यू होती है। यह SAR Value हर देश की सरकार द्वारा तय की जाती है और तय वैल्यू से ज्यादा सार वैल्यू वाले फोन्स को उस देश में बैन कर दिया जाता है। आपको बता दें कि इंडिया और अमेरिका की सरकारों द्वारा तय की गई सार वैल्यू एक समान है। भारत में मोबाइल फोंस की सार वैल्यू अधिकतम 1.6वॉट/किलोग्राम है। यहां वॉट/किलोग्राम से मतलब है कि 1 किलोग्राम टिशू अधिकतम 1.6 वॉट तरंगों की पावर ही सोख सकता है।


यहाँ पर हम कुछ फेमस स्मार्टफोन की SAR Value के लिए बताते हैं-

OnePlus 8 – 0.96W/kg

Redmi Note 9 Pro Max – 0.88W/kg

OnePlus 8 Pro – 0.96W/kg

Redmi Note 9 Pro – 0.90W/kg

iPhone SE 2020 – 1.17W/kg

Realme X3 SuperZoom – 1.19W/kg

Realme 6 Pro – 1.19W/kg

Redmi Note 8 Pro – 1.13W/kg

POCO X2 – 1.080W/kg

Xiaomi Mi 10 – 1.037W/kg

Realme Narzo 10 – 0.857W/kg

Redmi Note 8 – 0.25W/kg

Samsung Galaxy M31 – 0.383W/kg

Realme 6 – 1.138W/kg

Samsung Galaxy A31 – 1.13W/kg



हम अपने अपने फोन की SAR Value के लिए ऐसे पता कर सकते हैं-

यादि आप भी अपने फोन की सार वैल्यू जानना चाहते हैं तो अपने स्मार्टफोन से *#07# डायल करें। यह नंबर डायल करने के बाद फोन की SAR Value फोन की डिसप्ले पर आ जाएगी। लगे हाथ आपको यह जानकारी भी दे दें कि सार वैल्यू को दो भागों में बांटा गया है। पहला Head SAR यानि कि सिर और Body SAR यानि शरीर। जब भी हम फोन पर बात करते है तो सिर मोबाइल के सबसे पास होता है। इसलिए सिर की सार वैल्यू अलग रखी गई है। इसी तरह जब फोन जेब में या हाथ में होता है तो उस स्थिति के लिए सार वैल्यू अलग के मापी जाती है।

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